हमारे देश में किसानों के द्वारा मुख्य रूप से खेत और साथ में पशुपालन का कार्य किया जाता रहा है। वहीं क्षेत्र में खेती कम ओर बारिश पर निर्भरता अधिक है उन हिस्सों में मुख्य रूप से पशुपालन किया जाता है। जिसमें राजस्थान प्रदेश के सरहदी बाड़मेर के किसान मुख्य रूप से पुश पालन के कार्य पर निर्भर रहते हैं।
Sheep Goat Farming Subsidy 2025
केंद्र सरकार ने किसानों को पशुपालन का कार्य करने वाले पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ पशुपालन से संबंधित अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो इसके लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना को आरंभ किया गया है।
इस योजना में सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के इनकम में बढ़ोतरी को लेकर और युवाओं के रोजगार उपलब्ध कराया जाए इसके लिए काम कर रही है।
Sheep Goat Farming Subsidy: बता दें कि सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में भेड़ बकरी व मुर्गी पालन के अलावा चारा विकास को लेकर 50% सब्सिडी दिया जा रहा है। ऐसे में जो किसान अपनी इनकम में बढ़ोतरी करना चाहिए और रोजगार के अवसर की तलाश में है उनको राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है।
सरकार से कितनी सब्सिडी मिलेगा
बता दें कि किसानों को किफायती ब्याज दर एवं बेहद आसान तरीके से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत किसानों को ऋण प्राप्त करने के लिए किसी भी सरकारी बैंक या फिर प्राइवेट बैंक के द्वारा ऋण को प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
वहीं आवेदन करने की बात करें तो यह आधिकारिक वेबसाइट tra.in/https://nlm.udyamimi Login/Login पर किया जा सकता है। आवेदन स्वयं सहायता समूह, कोई भी व्यक्ति, किसान सहकारिताएं, किसान उत्पादक संगठन, संयुक्त देयता समूह व धारा 8 के तहत स्वीकृत कंपनियां आवेदन कर पाएंगे।
बकरी इकाई में 50 लाख अनुदान
बता दें कि पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक Dr. Vinay Mohan Khatri के मुताबिक सरकार की तरफ से इस योजना में 50 लाख रुपए की लागत से पोल्ट्री फार्म में 25 लाख रुपए अधिकतम अनुदान मिलेगा।
वही इसके अलावा बकरी और भेड़ की इकाई लागत का अधिकतम 50 लाख रुपए अनुदान का व्यवस्था किया है। वही बात करें चारा ब्लॉक बनाने या फिर चारा मूल्यवर्धन इकाई के स्थापना को लेकर तो इसमें सब्सिडी अधिकतम 50 लाख रुपए दिया जाता है।
मिलने वाली राशि समान 2 किस्त में मिल जाएगी जिसमें पहला किस्त बैंक के द्वारा ऋण उपलब्ध कराए जाने व दूसरा किस्त परियोजना का कार्य पूरा हो जाएगा तब मिलेगा। जोकि सरकार के तरफ से लोन देने वाले बैंक की ओर से दिया जाता है।