हमारे देश में किसानों को अपनी भूमि में अच्छे पैदावार के साथ साथ पशु पालन का कार्य करते हैं जिससे उन्हें दो तरह से फायदा होता है। एक तो उनको पशु से दूध बेच कर इनकम मिलेगा और दूसरा खेती के लिए खाद भी बनाया जा सकता है। देश में किसानों को अपनी भूमि में अच्छी पैदावार मिल सके और आय में बढ़ोतरी हो इसके केंद्र व राज्य सरकारों ने कई प्रकार कि योजना को आरंभ किया है।
Desi Gay Scheme Subsidy
ऐसे ही हरियाणा प्रदेश में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा के द्वारा 1 निजी चैनल पर बातचीत करते हुए कहने के अनुसार कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को आय में बढ़ोतरी व खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने का है। जिसके लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ाने व बंजर भूमि के उपजाऊ करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी तरह हरियाणा प्रदेश में झींगा मछली पालन को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
हरियाणा राज्य के कृषि मंत्री के मुताबिक प्रदेश के किसानों की इनकम बढ़ाया जाए इसके लिए प्राकृतिक खेती, कृषक उत्पादक संगठन (FPO) के साथ साथ कृषि यंत्रीकरण एवं एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं।
उनके अनुसार सरकार की ओर से किसानों को प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किए जाने को लेकर उत्पादों को बेहतर समर्थन मूल्य की योजना बनाई जा रही है। किसान को उत्पादों का ज़्यादा मूल्य प्राप्त हो जिसके लिए एफपीओ में शामिल किया जा रहा है। वहीं आधुनिक कृषि उपकरणों के उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा रहा है।
प्रोत्साहन राशि मिलेगा देशी गाय खरीद पर
Desi Gay Scheme Subsidy : हरियाणा राज्य के कृषि मंत्री के कहे मुताबिक किसानों को पारंपरिक खेती को छोड़कर विविधिकृत फसलों को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसान प्राकृतिक खेती करने को लेकर 1 देशी गाय खरीद को लेकर 25 हजार का सब्सिडी दी जा रही है जिसको 30 हजार रुपए जल्द किया जाएगा। हरियाणा राज्य के करनाल के घरौंडा, कुरुक्षेत्र के गुरुकुल, सिरसा में जींद व मँगियाना को लेकर 4 प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र आरंभ किया गया है।
किसानों को कृषि यंत्रों के लिए 80% सब्सिडी
प्रदेश में पराली जलाने की समस्या को लेकर राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के बड़े कदम उठाए हैं। जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनों के लिए 50 से लेकर 80 % का सब्सिडी मिल रहा है। जिसको लेकर 1,00,882 मशीनें अभी तक वितरित किया जा चुका है।
धान अवशेष प्रबंधन करने को लेकर 1 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है। जो किसान धान की खेती करने के बजाय अन्य फसल ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत करता है तो उनको 7 हजार रुपए प्रति एकड़ व जो किसान धान की बुवाई सीधी करते हैं उसके लिए प्रति एकड़ 4 हजार रुपए का मदद किया जाता है।