अरहर की खेती में इन तीन किस्म से मिलेगा कम समय में अधिक मुनाफा, जानें अरहर किस्म की पूरी जानकारी

अरहर फसल के लिए किसानों को कौन सी Arhar Ki Best Variety 3 किस्म से मिलेगा कम समय में अधिक मुनाफा, जानें अरहर किस्म की पूरी जानकारी

Arhar Ki Best Variety | हमारे देश में कई स्थानों पर अरहर की खेती की जाती है। इस फसल के चलते किसानों को काफी लाभ भी मिलता है लेकिन इस फसल में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उसमें से सबसे बड़ी समस्या किसानों को रहती है कि यह एक लंबी समय तक पकने वाली फसल है।

ऐसे में किसान दूसरी फसल नहीं ले पाते जिनको ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए कई किस्म को तैयार किया गया है जो कि कम समय में ही तैयार हो जाएगा इसके अलावा किसानों को बाजार में मूल्य ऊपर नीचे होते रहती है। जिसके चलते किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन किसानों को कम समय में अधिक पैदावार के लिए कौन-कौन सी किस्म का चुनाव करना चाहिए। इसके बारे में आप हमारे इस रिपोर्ट में जान पाएंगे।।

Arhar Ki Best Variety | अरहर की खेती में किसानों को बिजाई करने से पहले बीज का उपचार करना बहुत ही आवश्यक है। बता दें कि जून महीने में अरहर की बुवाई किया जाता है ऐसे में किसानों को कम समय में अधिक उत्पादन देने वाली किस्म के बारे में मुख्य क्या विशेषताएं हैं आईए जानते हैं।

बीज का उपचार करने की प्रक्रिया

किसानों को किसी भी फसल (धान , ग्वार, सोयाबीन ) में बुवाई करने से पहले बीज का उपचार करना बहुत जरूरी होता है। उसी प्रकार अरहर की खेती में बुवाई करने से पहले किसानों को अच्छे से बीज का उपचार करना चाहिए। ताकि आने वाली फसल में किसी भी तरह का रोग देखने को ना मिले। अरहर की बुवाई करने से पहले किसानों को 2 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से कार्बेंडाजिम दवा से उपचार करना चाहिए। और इसको अच्छी तरह से पानी में मिलाकर छायादार जगह पर आने वाले चार घंटे तक सुख दें और इसके बाद बुवाई करना चाहिए।

अरहर की खेती करने का तरीका

देश के बहुत से ऐसे किसान जो अरहर की खेती में बीज जमीन पर छिड़काव के द्वारा खेती करते हैं। उसके चलते बीज कहीं ज्यादा तो कहीं कम रहता है। जिससे उन्हें उत्पादन भी कम मिलता है। ऐसे में किसानों को बुवाई के माध्यम से पौधे की उचित दूरी पर बुवाई करना चाहिए। जिससे पौधों को सही मात्रा में पानी के साथ-साथ खाद भी मिल सके। पौधों की उचित दूरी होने के चलते पौधों को सही से हवा पानी और सूर्य की प्रकाश मिल पाएगा और उत्पादन अच्छा मिलेगा।

अरहर जल्दी तैयार होने वाली 3 किस्म [Arhar Ki Best Variety]

अरहर की किस्म पूसा 992

दोस्तों अरहर की किस्म पूसा 992 को साल 2005 में तैयार किया गया और इसके समय दाने चमकदार भूरे रंग की मोटे और गोल होते हैं। अरहर कि यह किस एम कम समय में ही पक्का तैयार हो जाती है और इसको पकने में समय की बात करें तो करीब 140 से 145 दिन का समय लगता है।

पूसा 992 प्रति एकड़ उत्पादन

Arhar Ki Best Variety : इस किस्म में प्रति एकड़ उत्पादन 7 क्विंटल तक रहता है और इस कम को देश के हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में सबसे ज्यादा बोया जाता है।

अरहर की किस्म पूसा 16

अरहर किस्म अरहर पूसा 16 यह एक जल्दी समय में ही तैयार होने वाली किस्म में से अच्छी किस्म माने जाते हैं और इसके सम के पौधों का आकार छोटा रहता है और इसकी लंबाई 95 सेंटीमीटर से लेकर 120 सेंटीमीटर तक रहती है। और उत्पादन की बात करें तो लगभग औसत पैदावार प्रति हेक्टर में 20 क्विंटल तक रहता है।

अरहर की किस्म आईपीए 203

अरहर आईपीए 203 की किस्म को पकने में 150 दिन के आसपास का समय लगता है। इस वैरायटी में बीमारी देखने को नहीं मिलती और इसके समय उत्पादन की बात किया जाए तो प्रति हेक्टेयर औसत 18 से लेकर 20 क्विंटल का होता है।

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