बस्सी (राजस्थान): इस सप्ताह के पहले दिन सोमवार को रबी सीजन में बस्सी मंडी में सरसों की नई फसल आवक आरंभ हो चुकी है। वही सरकार के द्वारा अभी तक रबी सीजन में सरसों, गेहूं ओर चना फसल खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर को लेकर गाइड लाइन जारी नहीं हुआ है।
Arrival of New Mustard अपडेट
ऐसे में सरकार की ओर से जब कोई समर्थन मूल्य पर गेहूं, सरसों या चना फसल खरीद का गाइडलाइन या फिर दिनांक तय नहीं किया जाता उस समय के दौरान किसानों को अपनी फसल को कृषि उपज मंडियों में या फिर स्थानीय व्यापारियों को अपनी सरसों को फसल बेचना पड़ेगा।
वहीं मंडी के व्यापारी विनय डंगायच के अनुसार सोमवार को गुढ़ा चक निवासी मूलचंद मीना के द्वारा नई सरसों की फसल बेचने के लिए पहुंचे। व्यापारियों के मुताबिक नई सरसों की कीमत पहले दिन 5151 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीद हुआ। वही इस दौरान सरसों की कीमत 5100 रुपए से लेकर 5600 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहा।
गुड़ बांट मीठा किया गया मुंह
बता दें कि कृषि मंडी व्यापारी विनय डंगायच के कहे अनुसार कृषि मंडी में नई सरसों के अराइवल होने पर व्यापारियों के द्वारा किसानों, व्यापारियों व पल्लेदारों के साथ गुड बांट कर मुंह मीठा कराया और शगुन मनाया। व्यापारियों के द्वारा बताया गया कि जब भी किसी भी तरह की फसल मंडी में पहली बार आता है तो गुड और लड्डू से मुंह मीठा कराया जाता है। और पूरे सीजन के दौरान व्यापारी और किसानों को यहां पर समृद्धि की कामना किया जाता है।
फसल में मावठ से फायदा
जनवरी महीने के दौरान आई 3 बार की मावठ के चलते गेहूं, सरसों और चना की फसल में अच्छी ग्रोथ हुई। वही अगर किसानों के खेत जहां पर मावठ नहीं होती तो 1 बीघा में 8 मण के करीब पैदावार होता वही अब मावठ होने पर 1 बीघा में 15 मण सरसों की पैदावार होने की संभावना जताई जा रही है। सरसों और चना की फसल अन्य फसल से कम खर्च होता है। इस बार फसल अच्छी होने से किसान भी खुश हैं।
सीजन पर होगा बंपर अराइवल
रबी सीजन के दौरान इस बार सरसों के अलावा अन्य फसल जैसे गेहूं, चना और जौ की फसल भी अच्छी होने की संभावना है। क्योंकि अबकी बार खरीफ सीजन बाजरा कटाई और मूंगफली खुदाई के दौरान अच्छी बारिश हुई जिस कारण से खेतों में अच्छी नमी बनी हुई थी। जिसके चलते जिन किसानों के पास अपनी जमीन में सिंचाई के लिए कुएं व बोरवेल में पानी नहीं होने पर भी खेतों में सरसों ओर चना की फसल बुवाई किया गया।
गेहूं की तुलना में चना और सरसों की खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में अबकी बार खेती में सरसों व चना की अधिक बुवाई से मंडी में बंपर आवक होने वाला है।