किसान धान की फसल में कौन सी खाद का उपयोग से मिलेगा बंपर पैदावार, (Azolla Green Manure in Paddy) जानें पूरी जानकारी
Azolla Green Manure in Paddy | धान की खेती हमारे देश की लगभग सभी खेतों राज्यों में किया जाता है और धान की खेती किसान करना पसंद करते हैं ऐसे में किसानों को धान का अच्छा उत्पादन हो इसके लिए धान की खेती के साथ हरी खाद से पैदावार में बढ़ोतरी होगी। बता दे धान की खेती के साथ किसान भाई हर चारी की पैदावार भी बढ़ा सकते हैं जिसे उन्हें दोहरा लाभ मिलने वाला है। मिलने वाले इस हरे चारे को अपने पशुओं को खिलाकर दूध का उत्पादन बढ़ाने में सहायता प्रदान होगा।
धान की खेती में हरा चारा (Azolla Green Manure in Paddy)
किसान इस वर्ष धान की खेती करते समय साथ में अजोला की खेती करेंगे तो उन्हें ज्यादा उत्पादन होगा। बता दें कि अजोला का उपयोग के चलते धान के खेतों में हरी खाद के रूप में उपयोग में ला सकते हैं। जिसके चलते धान की फसल को नाइट्रोजन के साथ-साथ अन्य पोषक तत्व भी मिल पाएंगे और धान का उत्पादन होने के साथ-साथ क्वालिटी में भी अच्छा रहेगा।
अजोला की फसल के चलते इस हरी खाद को जल्द ही तैयार किया जा सकता है। जिसके चलते धान की फसल में अच्छी ग्रोथ होगी और उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
धान की खेती में हरी खाद तैयार की प्रकिया
किसान अपने खेतों में धान की खेती के साथ अजोला की इस हरी खाद को बहुत ही आसानी से तैयार करने में सहायता मिलेगी। इसके लिए किसानों को अपने खेत में दो से लेकर 4 इंच तक पानी का भराव करें और उसमें करीब 10 टन ताजा अजोला को को धान की रोपाई करने से पहले डाल दे।
और ऐसा करने के बाद इसमें सुपर फास्फेट 30 से 40 किलोग्राम की मात्रा में डालें। अजोला की हरी खाद के लिए 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे अच्छा माना जाता है। और इसके साथ-साथ अजोला के चलते खेत में खरपतवार भी नहीं होगा जिसके चलते धान की पैदावार में पांच से लेकर 15% तक का उत्पादन में वृद्धि होगी।
अजोला हरी खाद के मुख्य लाभ क्या है
Azolla Green Manure in Paddy: अब बात आती है अजोला क्या मुख्य लाभ है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वायुमंडलीय में नाइट्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बोहाइड्रेट और अमोनिया में बदलने की क्षमता रखता है। जिसके चलते मिट्टी में कार्बन और फसल को नाइट्रोजन प्राप्त होता है जिसके चलते यह बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है।
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इसके अलावा यह मिट्टी में पड़े मौजूद सूक्ष्म जीवों को पौधों की जन्म में आसानी से ऑक्सीजन को पहुंचने में भी मदद करता है बता दें कि धान की फसल में अजोला का उपयोग होने के चलते करीब 20 किलो से लेकर 40 किलो प्रति हेक्टेयर की मात्रा में नाइट्रोजन खाद भी मिलता है जो कि पौधों विकास के लिए बहुत ही आवश्यक तत्वों में से एक है। और साथ ही इसके चलते वायु में पानी भाप के द्वारा कम हवा में जाता है और पानी की बचत भी होती है।
अजोला हरी खाद की क्या क्या खासियत है
यह एक बहुत ही जल्दी तैयार खाद के रूप में हो जाता है जिसके चलते धान की फसल में खाद और पशुओं के लिए भी काम में लिया जा सकता है। अगर सही अनुकूल मौसम रहे तो यह 5 से 6 दिन में ही दोगुना रफ्तार से बढ़ोतरी होती है और पूरे साल में लगभग 300 से 350 टन प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन हो सकता है।
बता दें कि अजोला हरी खाद के उपयोग के चलते फसल को 40 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर के साथ-साथ है कार्बनिक पदार्थ जो की भूमि की और शक्ति को बढ़ाते हैं वह भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।।
अजोला का उपयोग धान का उत्पादन बढ़ाने में मदद
किसान भाइयों धान की रोपाई करने से पहले करीब 2 से 3 सप्ताह पहले खेत में अच्छी तरह से पानी भर और उसमें अजोला हरी खाद को डाल दें उसके बाद इसमें पानी को बाहर निकाल कर जो हरि खत दिखाई देगी उसे मिट्टी में अच्छी तरह से मिला दे।
इसके अलावा अजोला हरी खाद को उपयोग में लेने के लिए धन की रोपाई करने के बाद भी पानी भरकर खेत में डाला जा सकता है जिसके चलते किसानों को रासायनिक खाद कम डालने की आवश्यकता रहेगी। और धान का उत्पादन भी अच्छा निकलेगा।