Dhaincha Seeds 80% Subsidy: किसानों को राज्य सरकार दे रही ढैंचा बीज पर 80% सब्सिडी, जानें आवेदन करने से लेकर पूरी जानकारी

रबी फसल की कटाई काम किसानों के द्वारा आरंभ कर दिया गया है। जिसमें गेहूं, सरसों और चना की फसल सबसे अधिक बुवाई किया गया है। जिसकी कटाई का कार्य कैसे ही पूरा होगा किसान के द्वारा दूसरी फसलों की बुवाई आरंभ करने वाले हैं। जिसमें से एक फसल ढैंचा की बुवाई किया जाएगा। इसकी फसल का उत्पादन तो नहीं लिया जाएगा। परंतु इसकी फसल को बिजाई करने के बाद खाद के तौर पर बहुत फायदे होते हैं।

 

किसानों को Dhaincha Seeds 80% Subsidy 

मुख्य रूप से जो फसल जिसमें धान व दूसरी फसल शामिल है। ढैंचा की बुवाई के पश्चात जब इसमें कोई भी अन्य फसल की बुवाई किसान करते हैं तो फिर उस फसल को खाद व पानी की आवश्यकता कम होती है। इसके अलावा फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। अबकी बार हरियाणा प्रदेश में ढैंचा की बिजाई का लक्ष्य 6 लाख एकड़ का रखा गया है। जिसके लिए सरकार ने किसानों को इसकी फसल को बिजाई के लिए अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध करवा रही है।

 

कुरुक्षेत्र में ढैंचा बिजाई का 45 हजार लक्ष्य 

बता दें कि कुरुक्षेत्र कृषि एवं कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. कर्मचंद की ओर से बताए अनुसार अबकी बार हरियाणा प्रदेश में ढैंचा की फसल के बिजाई के लक्ष्य में बढ़ोतरी करते हुए 6 लाख एकड़ किया है जिसमें से 45 हजार एकड़ कुरुक्षेत्र में लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए किसानों को 5400 क्विंटल ढैंचा का बीज उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। कुरुक्षेत्र जिले में प्रति एकड़ किसानों को 12 किलोग्राम बीज दिए जानें कि शिफारिश किया गया है।

किसानों को ढैंचा का बीज पर मिलेगा 80% अनुदान

कुरुक्षेत्र कृषि एवं कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि ढैंचा की फसल को हरी खाद के तौर पर सदियों से प्रयोग किया जा रहा। इसकी फसल की जड़ जमीन की मिट्टी के जीवाणुओं के साथ कार्य करता है। वहीं वातावरण में नाइट्रोजन को ट्रैप कर भूमि में जमा  होती है। जिसके लिए कृषि विभाग द्वारा हरियाणा प्रदेश में 6 लाख एकड़ जमीन को लेकर ढैंचा बीज को 72 हजार क्विंटल का हरि खाद के तौर पर प्रयोग के लिए प्रबंध किया गया है। किसानों को हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केन्द्रों के जरिए से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर बीज देने का प्रबंध किया है।

हर किसान को कितना मिलेगा बीज 

उपनिदेशक  के अनुसार ढैंचा के बीज की मात्रा को लेकर 12 किलो प्रति एकड़ की शिफारिश किया जाता है। वहीं 1 किसान 10 एकड़ जमीन में इसके फसल के लिए 120 किलो तक बीज को प्राप्त कर सकते हैं। किसान इसके बीज से अपने खेतों में हरी खाद के लिए बिजाई किया जा सकता है। इस बीज को प्राप्त करने के इच्छुक किसानों को https://agriharyana.gov.in/ के द्वारा पंजीकरण करना होगा। मिलने वाला यह बीज हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केन्द्रों पर 10 अप्रैल 2025 से लेकर 30 मई 2025 तक उपलब्ध रहेगा।

भूमि के उपजाऊ शक्ति में बढ़ोतरी 

जब किसान के द्वारा अपने खेतों में हरी खाद का उपयोग करते हैं तो इसके बाद खाद मिट्टी की संरचना में सुधार करने का काम करता है। और ये मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ने और मिट्टी के कटाव को रोकने का काम करता है। इसके अलावा भूमि में अम्लीयता व क्षारीयता में सुधार करने के साथ सूक्ष्म जीवों की क्षमता व क्रियाशीलता में बढ़ोतरी होती है। जमीन की मिट्टी के उर्वरता और उत्पादकता में वृद्धि होती है। हरी खाद डालने के बाद खेत में कार्बनिक नाइट्रोजन के स्तर बढ़िया होती है। उनके अनुसार इसको खाद के रूप में हरी खाद इस्तेमाल किया जाए तो धान के पौधे के द्वारा भूमि में नाइट्रोजन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा भूमि में खरपतवारों की बढ़ोतरी में कमी हो जाएगी और मिट्टी जनित रोगों से भी बचाव होगा।

योजना में लाभ के लिए पंजीकरण आवश्यक 

उप निदेशक के मुताबिक किसानों की ओर खेतों में बिजाई करने के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की टीम की ओर से भौतिक सत्यापन करने जायेंगे। उनकी ओर से किसानों से अनुरोध किया गया जिसमें उनके अनुसार बताया गया कि किसानों को समय रहते पोर्टल पर पंजीकरण कराए जाने के उपरांत किसान किसान किसान कार्ड, आधार कार्ड व पंजीकरण स्लिप को दिखाकर हरियाणा बीज विकास निगम का बिक्री केन्द्रों पर बीज लेकर बिजाई किया जा सकता है। और योजना का लाभ उठा सकते हैं।

 

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