Farmers Good News: राजस्थान प्रदेश के किसानों के लिए सुनहरा मौका, खुद के जमीन पर तिलहन उत्पादन इकाई लगाने की अनुमति, मिलेगा सब्सिडी

राजस्थान प्रदेश में तिलहनी फसलों के बढ़ावे के साथ-साथ बेरोजगारों के लिए रोजगार हो इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए अनुदान दिया जाएगा।

Rajasthan Farmers Good News

सीकर। राजस्थान प्रदेश के किसानों को लेकर एक अच्छी खबर बता दे कि कृषि विभाग की ओर से दिल्ली फसलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो इसके लिए प्रसंस्करण इकाई लगाने पर अनुदान मिलेगा।

इस योजना के तहत किसानों के लिए अच्छी खबर यह है कि नेशनल एडिबल ऑयल तिलहन मिशन के जरिए किसानों को मशीन या फिर उपकरण को खरीद करने पर 33% तक का अनुदान मिलेगा। किसान योजना के तहत तिलहन प्रसंस्करण इकाई 10 टन तक लगा सकेंगे।

बता दें कि प्रदेश में विभाग की तरफ से पहली बार योजना के माध्यम से सभी आवेदकों को अनुदान प्रदान करने की इरादा है। राजस्थान प्रदेश के भरतपुर, अलवर के पश्चात सीकर जिला में आबोहवा सरसों, जैसी तिलहनी फसलों के लिए अनुकूल रहता है।

ध्यान देने योग्य बात ये है कि अलवर, भरतपुर, सीकर के साथ साथ कई जिलों में तिलहनी फसलों के बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है। इसको लेकर अतिरिक्त निदेशक एसएस शेखावत के द्वारा राज्य के सभी जिलों के लिए निर्देश जारी किया गया है।

मिलेगा सीधा फायदा

राजस्थान प्रदेश के सीकर जिला में हर वर्ष रबी सीजन के दौरान सरसों का बुवाई औसतन 55 हजार हेक्टेयर भूमि किया जाता है। वहीं बीते कई सालों में सर्दी के सीजन के दौरान अधिक पाले के प्रकोप में आने के चलते या फिर किसी 1 मुख्य तिलहनी फसल के अच्छे उत्पादन प्राप्त को कारण कीमतों में गिरावट देखने को मिल जाती। इससे एक तरफ किसान को नुकसान पहुंच रहा है वहीं दूसरे ओर आम जनता को भी महंगाई का सामना करना पड़ता है।

इसके चलते जिले में सरसों फसल का बिजाई का रकबा कम होने लगता है। ऐसे में किसानों की नई योजना का उद्देश्य से अपनी फसल से ज्यादा फायदा मिल सके। अभी किसान सोयाबीन, सरसों, मूंगफली व अन्य तिलहनों की प्रोसेसिंग खुद कर पाएंगे। जिसके चलते वे कच्चे माल के बजाय तैयार किया उत्पाद बेच सकेंगे व उनकी इनकम में बढ़ोतरी होगी।

सीकर अतिरिक्त निदेशक कृषि खंड- रामनिवास पालीवाल के मुताबिक सरकार के द्वारा इस पहल से किसानों की न केवल आर्थिक स्थिति मजबूत होगा। बल्कि इसके अलावा स्थानीय स्तर पर तेल उत्पादन को बढ़ावा मिलने वाले हैं। जिसके चलते बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता को लेकर सुधार देखने को मिलेगा। जिसको लेकर विभाग के द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं। योजना में किसानों को फायदा लेना चाहिए।

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