Hisar Farmers News: बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में नुकसान, किसानों को मुआवजे का इंतजार

किसानों को अपनी फसल में साल में कई बार बारिश और ओलावृष्टि से सामना हो जाता है जिसमें उनको कई बार भारी बारिश या फिर ओलावृष्टि होने से फसल को नुकसान होता है। इसी तरह हरियाणा प्रदेश के हिसार जिले में साल 2024 के दिसंबर महीने के दौरान फसलों को ओलावृष्टि होने के कारण फसल में हुए नुकसान का 74 फीसदी स्थान में सत्यापन नहीं हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिसके चलते जिन किसानों का नुकसान का सत्यापन नहीं हुआ उनको अपनी फसल का मुआवजा राशि नहीं मिल पाया है।

Hisar Farmers News फसल मुआवजा

हिसार जिला में कुल 7167 किसानों की ओर से अपनी 43733 एकड़ भूमि फसल नुकसान को लेकर क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जाकर आवेदन किया गया था। किसानों के द्वारा किया गया कुल एकड़ जमीन में से अभी तक पटवारियों के द्वारा 11165 एकड़ भूमि पर नुकसान का सत्यापन किया गया है।

किसानों के किए गए आवेदन का सत्यापन पटवारियों की ओर से हो जानें पर कानूनगो ओर फिर तहसीलदार के द्वारा सत्यापित किया जाएगा। जिसके पश्चात मुआवजे को लेकर प्रक्रिया आरंभ हो पाएगी। किसानों को अपनी गेहूं व सरसों की फसल में बारिश और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ था। जिसको लेकर किसानों की मांग के ऊपर सरकार ने मुआवजा देने का ऐलान किया गया।

बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिले में प्राथमिक आकलन में कृषि विभाग के मुताबिक फसलों में 25 से लेकर 50% का नुकसान माना। जिसके बाद सरकार की तरफ से क्षति पूर्ति पोर्टल करने को कहा गया। जिसमें जिला के कुल 248 गांव की ओर से 7167 किसानों की तरफ से क्षति पूर्ति पोर्टल पर आवेदन का मुआवजा की मांग किया।

आवेदन किए गए किसानों में से ज्यादा आदमपुर से 33 सौ ओर नारनौंद से 15 सौ किसान की ओर से मुआवजा को लेकर आवेदन किया गया था।

मुआवजा मिलने का क्या प्रक्रिया है?

बता दें कि किसानों के द्वारा किए गए मुआवजा को लेकर आवेदन की राजस्व विभाग जांच करता है। जिसके लिए पटवारी किसान के प्रत्येक खेत में पहुंच कर फसल में नुकसान का आकलन किया जाता है और उसका रिपोर्ट तैयार करने के बाद उच्च अधिकारियों को दिया जाएगा।

पटवारियों के द्वारा किया गया काम का 25% हिस्सा को कानूनगो की तरह से दुबारा से सत्यापन किया जाएगा। वहीं तहसीलदार 10%। आवेदन की जांच किया जाएगा। जांच का काम 3 स्तर पर पूरा हो के बाद मुआवजा का प्रारूप तय होगा।

मुआवजा को लेकर किए गए सर्वे में 25% नुकसान का मुआवजा राशि नहीं जारी किया जाता। वहीं 26% से अधिक फसल में नुकसान होने के बाद मुआवजा दिया जाता है।

कितना हुआ सत्यापन

कुल किसान के द्वारा किए गए आवेदन में अभी तक तहसील-सब तहसील में गांव के अनुसार कितना सत्यापन हुआ है जो मीडिया रिपोर्ट में बताया गया निम्नलिखित नीचे दिया गया है।

1). आदमपुर में कुल गांव 28 किसान 1511 कुल एरिया 8,746 एकड़ बकाया 8746 एकड़।

2). बालसमंद में कुल गांव 18 किसान 311 कुल एरिया 1807 एकड़ बकाया 238 एकड़।

3). बरवाला में कुल गांव 26 किसान 227 कुल एरिया 1285 एकड़ बकाया 368 एकड़ ।

4). बास में कुल गांव 17 किसान 139 एरिया 1036 एकड़ बकाया 788 एकड़।

5). हांसी में कुल गांव 42 किसान 1265 एरिया 7555 एकड़ बकाया 5629 एकड़

6). हिसार में कुल गांव 70 किसान 567 एरिया 3194 एकड़ बकाया 3146 एकड़

7). खेड़ी जालब में कुल गांव 17 किसान 1840 एरिया 11119 एकड़ बकाया 11119 एकड़

8). नारनौंद में कुल गांव 18 किसान 1334 एरिया 8734 एकड़ बकाया 2101 एकड़

9). उकलाना में कुल गांव 12 किसान 96 एरिया 551 एकड़ बकाया 427 एकड़

10). कुल गांव 248 किसान 7167, कुल एरिया 43733 एकड़, बकाया एरिया 32568 एकड़

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