देश में केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से मछली पालन को लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई गई है। जिसमें मछली पालकों (Fish Farmers) को फायदा हो रहा है। बता दें कि इसी को देखते हुए 1 योजना मछली पालन को लेकर तैयार किया गया है जिसमें किसानों को अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना की बाते करें तो यह प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) जिसका उद्देश्य मछली उत्पादन को बढ़ावा व मछुआरों को उनकी इनकम बढ़ाने को लेकर आरंभ किया गया है।
Machhali Palan Subsidy 2025
बता दें कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मछली पालन करने के कार्य के विकास के आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है। जिसमें उन्होंने ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वहीं इसी दौरान यह प्रकिया आरंभ जिसमें 15 फरवरी 2025 तक आनलाइन आवेदन करने का लास्ट दिनांक कर सकते हैं।
योजना में आवेदन ऑनलाइन कहां पर करें
बता दे कि इस योजना में ऑनलाइन आवेदन और अन्य जानकारी को लेकर लखनऊ के सहायक निदेशक मत्स्य डॉ महेश चौहान के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में मत्स्य विभाग की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अलग अलग परियोजना में ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। जिसमें ऑनलाइन आवेदन वेबसाईट http://fisheries.up.gov.in पर 1 फरवरी, 2025 से शुरू होकर 15 फरवरी 2025 तक आवेदन किया जा सकता है।
इसके अलावा जो भी अधिक जानकारी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और अन्य परियोजनाओं के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो कार्यालय मत्स्य पालक विकास भवन लखनऊ में जाकर ले सकते हैं।
मछली पालन पर कितनी मिल रही सब्सिडी
बता दें कि डॉ महेश चौहान के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने किसानों को मत्स्य पालन करने पर 60% सब्सिडी पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत दिया जा रहा है। जो भी इस योजना में लाभ प्राप्त करने हेतु व्यक्ति जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक है वो मत्स्य विभाग से संपर्क करके आसानी से योजना के बारे में ले सकते हैं। वहीं अगर इसमें सब्सिडी के बारे में बात करें तो महिलाएं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 60% और सामान्य श्रेणी के पलकों को 40% लाभ मिलेगा।
किसानों 2 लाख लोन प्राप्त करें
उनके मुताबिक मछली पालक किसान को ₹200000 प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आसानी से मिल सकता है। और इसके लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को वर्ष 2020 में आरंभ किया गया जिसके चलते किसानों को आर्थिक तौर पर सरकार के द्वारा मदद किया जाता है। जिसके चलते मछली पालकों को उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ-साथ उन्हें अपने कार्य करने में भी सहयोग मिलता है
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