हमारे देश में अर्थव्यवस्था के साथ-साथ किसानों के लिए बड़ी ही शानदार खबर आइए है। बता दें कि अबकी बार देश में मानसून बारिश को लेकर ताजा अपडेट जिसमें बारिश अच्छे होने वाली है।
Monsoon 2025 Prediction अपडेट
प्राप्त जानकारी के अनुसार जून से लेकर सितंबर के महीने के बीच में मानसूनी मौसम के दौरान औसत से 3 प्रतिशत अधिक बारिश हो सकता है। पूरे भारत देश में इस दौरान औसतन बारिश की बात करें तो यह 868.6 MM के करीब बारिश देखने को मिलती है। वहीं इस साल बारिश का अनुमान तकरीबन 895 MM बारिश होने का है।
Monsoon 2025 Prediction: देश भर के अलग अलग राज्यों में मौसम की जानकारी देने वाली एक निजी एजेंसी स्काइमेट (skymet) की ओर से अपना एक ताजा अनुमान में कहा गया है कि प्रशांत महासागर में तटस्थ स्थिति (Neutral Position) हैं। वहीं -नीना बेहद कमजोर हो गया है और आने वाले 4 महीने के भीतर अलनीनो के विकसित होने की संभावना नहीं जताई गई है।
इस वर्ष होगी अच्छी बारिश
हिंद महासागर का जलवायु पैटर्न जो कि अनुकूल दिखाई दे रहा है, जिसके चलते मानसूनी वर्षा के लिए मददगार साबित रहेगा। खेती के कार्य के लिए मानसूनी अच्छी बारिश सहायक होती है। इस मौसम सीजन के दौरान देश में किसानों के द्वारा खरीफ फसल की बुवाई व रोपाई किया जाता है। अच्छी बारिश से भूजल स्तर में बढ़ोत्तरी होने के साथ-साथ साल भर के लिए पेयजल की कमी नहीं रह पाती है।
बता दें कि देश भर में पूर्वानुमान के द्वारा 96% से लेकर 104% तक बारिश होना सामान्य माना जाता है। वहीं इन 4 महीने के दौरान 103% बारिश का होना मतलब अच्छी बारिश होने वाली है। परंतु इस दौरान 5% बारिश होने में अंतर देखा जा सकता है। यानी कि सामान्य बारिश से 5% कम या फिर अधिक बारिश हो सकती है।
कब तक भारतीय तट पर मानसून दे सकता है?
बता दें कि स्काइमेट की ओर से अनुमान के अनुसार इस बार 96% से नीचे जानें का अनुमान बेहद कम है। देश में पश्चिमी तट और मध्य भागों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने के आसार हैं। वहीं उत्तर पूर्वी राज्यों के अलावा जम्मू-कश्मीर व पहाड़ी इलाकों में सामान्य से नीचे बारिश हो सकती है।
वहीं भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक को लेकर अभी भी आकलन नहीं किया जा सका है। लेकिन देश में केरल राज्य के रास्ते से मानसून का प्रवेश होता है। यहां पर 1 जून से सामान्य तौर पर सक्रिय होता है। जो कि दक्षिण भारत के राज्यों से धीरे धीरे आगे की तरफ बढ़ते हुए बंगाल की खाड़ी के होते हुए मध्य एवं उत्तर भारत की तरफ बढ़ता है। देश में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में सबसे अंत में पहुंचता है।
वहीं स्काइमेट ने कोर मानसून मंथ के दौरान कुछ हिस्सों में औसत से कम बारिश होने की संभावना जताई है। परंतु ज्यादातर हिस्सों में मानसून सामान्य रहने वाला है।
स्काइमेट के मुताबिक मानसूम का रफ्तार जून महीने में थोड़ी कम हो रह सकती है। क्योंकि कुछ दिनों तक ला-नीना का प्रभाव देखा जा सकता है। जून महीने के दौरान बारिश औसत से 4% कम हो सकती है परंतु आगमी महीने से बारिश रफ्तार पकड़ लेगी।
वहीं इस दौरान जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में औसत से अधिक बारिश होनी वाली है। वहीं अगस्त महीने में 8% अधिक बारिश हो सकती है। किसानों को अपनी खेती में लिए यह महीना सबसे अधिक अनुकूल होता है।
बारिश होने का अनुमान महीना के अनुसार
1). जून महीने में अनुमान के अनुसार 165.3 मिमी (4% कम) हो सकती है।
2). जुलाई महीने में बारिश 280.5 मिमी (2% ज्यादा)
3). अगस्त महीने में 254.9 मिमी (8% अधिक)
4). सितंबर महीने में अनुमान 167.9 मिमी (4% अधिक)