Moong Seed 75% Subsidy: मूंग की खेती करने वाले किसानों के लिए शानदार मौका, बीज पर मिलेगी 75% सब्सिडी, जल्द करें आवेदन

किसान रबी फसलों के कटाई होने के पश्चात मूंग का खेती को लेकर तैयारी किया जा रहा है। मूंग दलहन का 1 महतव्पूर्ण फसल जिसका खेती किसानों के द्वारा बढ़ चढ़ कर किया जाता है।

देश के अलग अलग हिस्सों में किसान मूंग का खेती को मार्च व अप्रैल महीने में किया जाता है। किसान के द्वारा मूंग का खेती किए जाने से खेत में मिट्टी का सुधार होने के अलावा अच्छी कमाई भी किया जा सकता है।

Moong Seed 75% Subsidy

देश के कई राज्यों में रबी सीजन में सरसों चना गेहूं और अन्य फसल के बाद मूंग का बुवाई किया जा रहा है। इस कड़ी में हरियाणा प्रदेश में दलहन की खेती को बढ़ावा देने को लेकर काम किया जा रहा है। जिसको लेकर सीजन 2025-26 में कृषि और किसान कल्याण विभाग की तरफ से 1 लाख से ज्यादा एकड़ भूमि पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग की तरफ से इस पहल के तहत प्रदेश में अलग अलग जिलों के रहने वाले किसान को ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज के ऊपर 75% सब्सिडी पर 10 हजार क्विंटल बीज उपलब्ध कराएगा।

किन किन जिलों में इतने एकड़ का लक्ष्य

बता दें कि हरियाणा कृषि विभाग की तरफ से लक्षित क्षेत्रों में पलवल, कुरुक्षेत्र, सिरसा व भिवानी जिला में सबसे ज्यादा 8 हजार एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा है। वहीं जींद, फतेहाबाद व रेवाड़ी जिलों में 7 हजार एकड़ भूमि का लक्ष्य, 6 हजार एकड़ भूमि सोनीपत और करनाल, 5 हजार एकड़ भूमि का लक्ष्य हिसार जिले में, वहीं इसके अलावा 1 हजार से 4 हजार 500 एकड़ भूमि का लक्ष्य अन्य जिलों को लेकर दिया गया है।

बीज पर किसानों को कितना सब्सिडी

इसको लेकर कृषि विभाग के एक अधिकारी को ओर से मूंग का खेती में किसानों को दोहरे लाभ पर जोर दिया। उनके अनुसार इसकी खेती में किसानों को अपनी भूमि की उर्वरता में सुधार के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगा। इस तरह जो किसान इसकी खेती के लिए इच्छुक हैं और लाभ लेना चाहते हैं तो 26 मार्च 2025 से 20 अप्रैल 2025 तक विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

बता दें कि हरियाणा बीज विकास निगम (HSDC) की ओर से स्थापना के पश्चात पत्र किसानों को एचएसडीसी बिक्री काउंटरों पर लागत का 25% हिस्सा जमा करने के बाद सब्सिडी वाले ग्रीष्मकालीन मूंग का बीज प्राप्त होगा। वहीं बाकी 75% कृषि उप निदेशकों (DDA) के द्वारा सत्यापन होने के पश्चात विभाग की ओर से दिया जाएगा। मूंग की खेती के लिए किसान को 3 एकड़ भूमि में 30 किलोग्राम तक बीज को खरीद किया जा सकता है।

मूंग फसल की खेती में कई तरह के बेनिफिट

हरियाणा प्रदेश में कुरुक्षेत्र के कृषि उपनिदेशक (डीडीए) डॉ. करम चंद की ओर से ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के फायदे के बारे में जानकारी दिया उनके अनुसार इस फसल से जमीन की उर्वरता के लिए अच्छा रहता इसके अलावा यह एक कम समय में होने वाली खेती जिसके चलते किसानों को गेहूं कटाई के पश्चात ओर धान की बुवाई करने से पहले एक अतिरिक्त फसल लेने का भी लाभ मिलता है।

मूंग की खेती से किस प्रति एकड़ चार्ट से लेकर पांच क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है बाजार में दालों की अधिक मांग जिसके चलते किसानों को अतिरिक्त इनकम भी लिया जा सकती है।

 

प्रदेश में दलहन खेती को बढ़ावा

उनके मुताबिक ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती को लेकर कुरुक्षेत्र में 8 हजार एकड़ का लक्ष्य दिया है जिसमें किसानों को बीच पर 75% सब्सिडी प्राप्त होगा। वही उनके अलावा उन्होंने एक चेतावनी भी दिया गया जिसमें जिन किसानों ने बीज लिया जाता है लेकिन खेती नहीं किया जाता तो उनको मिलने वाली 75% सब्सिडी वापस करना होगा और अगर उनके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता तो उनको आगामी 2 फसल सत्रों तक के लिए कृषि विभाग से मिलने वाले लाभ से वंचित किया जाएगा।

इस पहल के चलते हरियाणा सरकार की ओर से लक्ष्य दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ मिट्टी की में उर्वरता सुधार करना है। वहीं इसके अलावा किसानों के लिए उनके प्राथमिक फसल चक्रों के माध्यम से इनकम के लिए अतिरिक्त साधन बढ़ाना है।

 

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