देशभर में अबकी बार रबी सीजन में गेहूं की बंपर बुवाई के साथ ही अब गेहूं पकने के समय पर पहुंच चुका है और कई क्षेत्र में कटाई का काम भी आरंभ हो चुका है। मध्य प्रदेश राज्य मंडियों में गेहूं की बंपर आवक होने लगा है जिस कारण कीमत में गिरावट भी देखा जा रहा है।
जानें Wheat Mandi Price अपडेट
बीते दिनों मौसम गर्म होने के चलते गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका के बीच एक बार फिर मौसम में ठंड बढ़ने से गेहूं का बंपर उत्पादन होने की संभावना जग गई है।
2 दिनों में देश के कई राज्यों में मौसम में हुए परिवर्तन के चलते कई हिस्सों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है और तेज हवा की चलती फसलों को नुकसान भी पहुंचा है। इस साल देश में केंद्र सरकार की ओर से गेहूं का उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
Wheat Mandi Price: बता दें कि सीजन से पहले मंडियों में गेहूं की कीमतों की बात करें तो 22 सौ से 32 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक बोला जा रहा था जो कि अब गेहूं का कीमत मंडियों में 3 हजार प्रति क्विंटल तक आ पहुंचा है।
ऐसे में अब यह जानना आवश्यक है कि क्या गेहूं के भाव में अभी भी और गिरावट देखा जा सकता है या तेजी आएगी, या फिर किसानों को एमएसपी खरीद पर अपनी गेहूं को लेकर पंजीयन करवाना चाहिए? आईए जानते हैं विशेषज्ञों के मुताबिक इस रिपोर्ट में पूरा जानकारी…
OMSS बेच रही अधिक गेहूं
विशेषज्ञ अजय गोयल के द्वारा बताए अनुसार गेहूं का सप्लाई कुछ मंडियों में तेजी आई है। हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, यूपी और एमपी में गेहूं के रेट अभी तक ऊपर है। वही इन राज्यों में गेहूं की फसल पकाव के करीब और कटाई आरंभ हो गई है। उनके अनुसार गेहूं की कीमत में सप्लाई बढ़ने पर गिरावट आयेगा।
उनके अनुसार सरकार के द्वारा OMSS के तहत गेहूं की बिक्री बढ़ाने को लेकर अधिक माल बेचा रहा है। लेकिन पूरी की पूरी खेप हर बार जैसे बिक रही हैं। गेहूं की बिक्री के लिए 5 लाख टन गेहूं आया जिसमें से 4.98 लाख टन बिक्री हुआ। गेहूं की बिक्री पहले 4 लाख टन आता था।
गेहूं के रेट में बढ़ोतरी के चलते अधिक बिक्री हुई। जिसके चलते गेहूं की कीमत कमजोर हुई है। बता दें कि OMSS गेहूं के रेट की बात करें तो यह उत्तराखंड में 2724 रुपए से 3029 रुपए प्रति क्विंटल, वही झारखंड में 2790 रुपए से 3107 रुपए प्रति क्विंटल पर था। इसके अलावा ओडिशा में 2609 रुपए से 3056 रुपए, पश्चिम बंगाल में 2690 रुपए से 3100 रुपए प्रति क्विंटल था।
गेहूं का अबकी बार बंपर उत्पादन
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ पूर्व सरकार की ओर से गेहूं के भाव में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए स्टॉक लिमिट को घटाया। गेहूं की कीमत में आ रही लगातार वृद्धि को देखते हुए सरकार की ओर से स्टॉक लिमिट कड़ी किया गया। वहीं दूसरी तरफ गेहूं में अबकी बार बंपर उत्पादन को लेकर भी कीमतों में तेजी से गिरावट देखने को मिल सकता है।
देश में कई राज्यों में गेहूं की फसल बुवाई किया जाता है लेकिन जैसे ही तापमान में वृद्धि होने लगता है तो किसानों को गेहूं की अपने उत्पादन में गिरावट की आशंका रहती है वही इस रवि सीजन के दौरान देश में गेहूं का बुवाई 324 लाख हेक्टर से भी ज्यादा रकबा में हुआ है। वही बात मध्य प्रदेश की करें तो यहां पर गेहूं का क्षेत्र 94 लाख हेक्टेयर को भी अधिक हुआ।
आगे गेहूं के रेट में तेजी या फिर हो गिरावट?
बता दें कि WPPS के चेयरमैन अजय गोयल की माने तो मंडियों में अभी से गेहूं का बंपर आवक आरंभ हो गई है। देश के गेहूं उत्पादक राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब में गेहूं की कीमत अभी भी ऊपर है।
इन गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं फसल के कटाई का काम शुरू हुआ है। उनके अनुसार जैसे जैसे गेहूं का सप्लाई मंडियों में बढ़ने लगेगा। उसके बाद गेहूं की कीमत में कमजोर होने वाली है।
क्या किसानों को गेहूं की सरकारी खरीद के लिए पंजीयन करवाना चाहिए?
देश के कई राज्यों में सरकार के द्वारा खरीद शुरू कर दी गई है। वहीं एमपी राज्य में चालू रबी सीजन 2024-25 में बुवाई 140 लाख हेक्टेयर हुआ। जिसमें से गेहूं की फसल 94.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुआ है। प्रदेश में गेहूं के किसान 31 मार्च तक पंजीयन कराया जा सकता है। इसके साथ ही बता दें कि प्रदेश में गेहूं MSP खरीद आज यानी 15 मार्च 2025 से आरंभ हो चुकी है।
मध्यप्रदेश राज्य में प्रदेश सरकार के द्वारा इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल के साथ 175 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस भी दे रही है। यानी किसानों को गेहूं खरीद पर 2600 रूपये प्रति क्विंटल प्राप्त होगा।
इसके अलावा राजस्थान सरकार की ओर से भी किसानों को गेहूं के खरीद पर 150 रुपए प्रति कुंटल का बोनस देने वाली है। गेहूं की कीमत की बात करें तो मंदिरों में अच्छी क्वालिटी का गेहूं का कीमत 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल के साथ बिक रहा है।
वहीं बाजार में कीमत 25 सौ रुपए से 27 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक ही है। ऐसे में किसानों के लिए बता दें कि गेहूं की आवक मंडियों में आरंभ होने से कीमत कमजोर होने लगा है। इस प्रकार से अगर किसान के पास नॉन चपाती गेहूं (ड्यूरम गेहूं) हैं तो फिर उसको न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) रेट पर बेचा जा सकता है। इसके साथ ही जो गेहूं अच्छी क्वालिटी वाला यानी खाने योग्य है उनको मंडियों में बेचा जा सकता है। व्यापार अपने विवेक से सोच समझ कर करें।
Note:- आज आपने जाना www.starmandi.com पर Wheat Mandi Price: मंडियों में नई गेहूं की आवक बंपर, क्या आगे गेहूं कीमत में आएगी गिरावट, जानें विशेषज्ञों का पूर्वानुमान किसान या फिर व्यापारी भाई व्यापार अपने विवेक से निर्णय लें क्योंकि किसी भी तरह की फसल में आने वाले दिनों में तेजी या फिर मंदी मौसम, बाजार में मांग और सरकार के द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है उस पर निर्भर करता है। ऐसे में आप कोई भी व्यापार करने से पहले सोच समझ कर या फिर अपने विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। हमारा काम आपको जानकारी पहुंचना है। किसी भी तरह की हानि होने पर आप खुद जिम्मेवार होंगे।